इस तरह हमको हिन्दी लिखे तो करीबन बारह साल हो गये है,अब।
मैं कोशिश तो जरुर करुगा। आज के लिये इतना ही काफी हैं।
सà¥à¤¤à¤®à¥à¤à¤¨ -दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बà¥à¤°à¤à¤à¤¿à¤¶à¥à¤° @ 5:47 PM
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3 Comments:
ब्रजकिशोर जी,
लिखते रहिए। मातृभाषा कभी भूलती नहीं, बाइसिकिल की तरह। लगभग ४० साल अमेरिका में रहने के बाद जब मैं अपने गाँव जाता हूँ तब अब भी गाँव की भाषा जबान पर आ जाती है।
लक्ष्मी नारायण
Braj Kishore jee, aap database ke mahaarathee lagate hain. Kyon nahee kuchh postings database par hee likh den ?
क्या हुआ बृजकिशोर जी, आपने हिन्दी में लिखना क्यों बन्द कर दिया? कृपया निरन्तर लिखते रहें।
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