Thursday, January 12, 2006

हिन्दी भाषा का तो उतना अभ्यास नही रहा अब ।
इस तरह हमको हिन्दी लिखे तो करीबन बारह साल हो गये है,अब।
मैं कोशिश तो जरुर करुगा। आज के लिये इतना ही काफी हैं।

स्तम्भन -द्वारा ब्रजकिशोर @ 5:47 PM

3 Comments:

At 3:48 AM, Blogger Laxmi said...

ब्रजकिशोर जी,

लिखते रहिए। मातृभाषा कभी भूलती नहीं, बाइसिकिल की तरह। लगभग ४० साल अमेरिका में रहने के बाद जब मैं अपने गाँव जाता हूँ तब अब भी गाँव की भाषा जबान पर आ जाती है।

लक्ष्मी नारायण

 
At 8:34 PM, Blogger अनुनाद सिंह said...

Braj Kishore jee, aap database ke mahaarathee lagate hain. Kyon nahee kuchh postings database par hee likh den ?

 
At 8:09 AM, Blogger Pratik Pandey said...

क्या हुआ बृजकिशोर जी, आपने हिन्दी में लिखना क्यों बन्द कर दिया? कृपया निरन्तर लिखते रहें।

 

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